‘इंडियाज एक्सपेरिमेंट विद डेमोक्रेसी’: भारत में चुनावी इतिहास की पड़ताल करती पूर्व सीईसी की किताब

Rozanaspokesman

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‘इंडियाज एक्सपेरिमेंट विद डेमोक्रेसी: द लाइफ ऑफ ए नेशन थ्रू इट्स इलेक्शन’ शीर्षक वाली इस किताब का विमोचन सात अक्टूबर को किया जाएगा।

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New Delhi: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी की एक नई किताब आज देश के समक्ष मौजूद मतदाताओं से जुड़े, कानूनी और नियामक मुद्दों के विश्लेषण के लिए चुनावों के इतिहास, प्रक्रिया और राजनीति पर गहरी अंतर्दृष्टि डालती है।

‘इंडियाज एक्सपेरिमेंट विद डेमोक्रेसी: द लाइफ ऑफ ए नेशन थ्रू इट्स इलेक्शन’ शीर्षक वाली इस किताब का विमोचन सात अक्टूबर को किया जाएगा। प्रकाशक हार्पर कॉलिन्स इंडिया की तरफ से मंगलवार को यह जानकारी दी गई।

भारतीय लोकतंत्र का व्यापक परिदृश्य प्रस्तुत करती यह पुस्तक “तार्किक विमर्श, वस्तुनिष्ठ पड़ताल, धर्मनिरपेक्षता, नागरिक स्वतंत्रता और करुणा का लोकतंत्र की अपरिहार्य विशेषताओं के तौर पर उल्लेख करती है”।

कुरैशी ने एक बयान में कहा, “चुनाव और चुनावी राजनीति एक जीवंत लोकतंत्र की विशिष्ट विशेषताएं हैं। भारत के किसी न किसी हिस्से में क्योंकि साल भर चुनाव होते रहते हैं, इसलिए चुनावी मुद्दे और बहस हमेशा खबरों में रहती हैं। यह किताब चुनावी, कानूनी और नियामक मुद्दों का एक ठोस विश्लेषण प्रदान करती है जिसे भारत के लोगों को जानना जरूरी है। किताब का एक महत्वपूर्ण पहलू शुरुआत से लेकर अब तक के चुनावों का शुद्ध, प्रामाणिक आंकड़ा है।” 

उन्होंने कहा कि यह किताब मीडिया, शिक्षाविदों, राजनीतिक नेताओं और युवा पाठकों, विशेषकर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए “जानकारी की खान” है।

किताब में, कुरैशी ने आज भारत के सामने मौजूद कुछ प्रमुख प्रश्नों की पड़ताल की है जैसे कि “राष्ट्रीयता, नागरिकता और लोकतंत्र के हमारे विचारों के लिए कौन से मूलभूत सिद्धांत निश्चित होने चाहिए? हम अपने राष्ट्रीय विमर्श को नए सिरे से जांच की भावना और कल्पनाशील विद्वता तथा सुधार के साथ कैसे जीवंत कर सकते हैं?”