150 फिट नीचे पहुंची सृष्टि, मासूम को बचाने के लिए लिया जा रहा रोबॉट का सहारा, ऑपरेशन जारी

Rozanaspokesman

राज्य

ताजा जानकारी के मिताबिक सृष्टि को रोबोट से पहले हुक मैथर्ड के जरिए निकालने का प्रयास शुरू किया है.

Srishti reaches 150 feet down, robot is being used to save the innocent

मध्य प्रदेश:  सीहोर के बड़ी मुंगावली गांव में ढाई साल की बच्ची 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी. उसे निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. मिली जानकारी के मुताबिक मासूम अब 150 नीचे चली गई है। वहीं अब बच्ची को बचाने के लिए जारी अभियान में तीसरे दिन रोबोटिक विशेषज्ञों की एक टीम शामिल हुई। 

बचाव अभियान का आज तीसरा दिन है और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बच्ची को बोरवेल में एक पाइप के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार, घटना के 47 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद लड़की को बोरवेल से बाहर निकालने का काम और अधिक कठिन हो गया है क्योंकि वह 30 फुट से और नीचे फिसल कर लगभग 150 फुट की गहराई में फंस गई है।

अधिकारी ने कहा कि गुजरात से तीन सदस्यीय रोबोट बचाव दल अभियान में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार को सुबह घटनास्थल पर पहुंचा। रोबोटिक टीम के प्रभारी महेश आर्य ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘ हमने जानकारी एकत्र करने के लिए एक रोबोट को बोरवेल में उतारा है और उससे प्राप्त तस्वीरों को हम बच्ची की स्थिति जानने के लिए स्कैन करके डेटा को प्रोसेस कर रहे हैं। इसके बाद, हम तय करेंगे कि उसे बोरवेल से कैसे बचाया जाए।" ”

ताजा जानकारी के मिताबिक सृष्टि को रोबोट से पहले हुक मैथर्ड के जरिए निकालने का प्रयास शुरू किया है. हुक मैथर्ड के जरिए भी बच्ची को  बाहर निकाला जा सकता.

सृष्टि नाम की बच्ची मंगलवार को दोपहर में करीब एक बजे बोरवेल में गिरी थी और तभी से उसे बचाने की कोशिश की जा रही है।

बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘‘मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सृष्टि नाम की बच्ची बोरवेल में गिर गई थी और तभी से उसे बचाने के प्रयास चल रहे हैं। शुरुआत में वह बोरवेल में करीब 40 फुट की गहराई में फंसी थी, लेकिन उसके बचाव अभियान में लगी मशीनों के कंपन के कारण, वह लगभग 150 फुट और नीचे खिसक गई, जिससे कार्य और कठिन हो गया है।’’

पहले भी बोरवेल में फंसे कई बच्चे

गुजरात के जामनगर जिले में शनिवार को दो साल की एक बच्ची फिसलकर एक बोरवेल में गिर गई और 20 फुट की गहराई में फंस गई। एक अधिकारी ने बताया कि 19 घंटे तक कई एजेंसियों द्वारा चलाए गए बचाव के कठिन प्रयासों के बावजूद उसकी मौत हो गई।.

2009 में उच्चतम न्यायालय ने खुले छोड़ दिए गए बोरवेल में बच्चों के गिरने की घातक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।

अदालत द्वारा 2010 में जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में निर्माण के दौरान कुएं के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ लगाना, बोरवेल के ऊपर बोल्ट के साथ स्टील प्लेट कवर का उपयोग करना और नीचे से जमीनी स्तर तक बोरवेल को भरना शामिल है।