मानवता की खातिर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की जाए : ममता बनर्जी

Rozanaspokesman

वह झाड़ग्राम जिले के तीन दिवसीय प्रशासनिक दौरे पर हैं जहां ज्यादातर मूल निवासी लोग रहते हैं।

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सभी से जाति, पंथ, धर्म और नस्ल के आधार पर किए जाने वाले मतभेदों से ऊपर उठने का आह्वान किया। ‘विश्व आदिवासी अंतरराष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए ममता ने कहा कि मानवता की खातिर मूल निवासी लोगों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विश्व आदिवासी दिवस पर उनकी जीवंत परंपराओं, कला और विरासत का जश्न मनाएं जो हमारे राज्य की पहचान को समृद्ध करें। अपने आदिवासी भाइयों के साथ चलने का संकल्प लें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस राज्य, देश और दुनिया के लोग मूल निवासी लोगों के अधिकारों को बनाए रखने तथा उनकी रक्षा करने के लिए जाति, पंथ, धर्म और नस्ल के मतभेदों से ऊपर उठें क्योंकि यह महज एक समुदाय के बारे में नहीं बल्कि मानवता के बारे में हैं।’’

ममता ने कहा कि बंगाल का सांस्कृतिक ताना-बाना विविध मूल निवासी समुदायों के धागों से बुना है। वह झाड़ग्राम जिले के तीन दिवसीय प्रशासनिक दौरे पर हैं जहां ज्यादातर मूल निवासी लोग रहते हैं।

मंगलवार को जिले में पहुंचने के तुंरत बाद उन्होंने कुर्मी समुदाय के नेताओं से मुलाकात की जो अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। ‘विश्व आदिवासी अंतरराष्ट्रीय दिवस’ दुनियाभर के 90 देशों में ऐसे समुदायों के लोगों से होने वाली असमानताओं को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए नौ अगस्त को मनाया जाता है।