अवैध खनन मामले में जनार्दन रेड्डी और उनकी पत्नी की संपत्तियों को कुर्क करेगी CBI, कोर्ट ने दी अनुमति

Rozanaspokesman

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सीबीआई ने जनार्दन रेड्डी की छह संपत्तियों और लक्ष्मी अरुणा के नाम की 118 संपत्तियों को कुर्क करने की मांग की थी।

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बेंगलुरु : बेंगलुरू की एक विशेष अदालत ने बेल्लारी में अवैध लौह अयस्क खनन घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी और उनकी पत्नी जी. लक्ष्मी अरुणा की कुल 82 अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है। कर्नाटक के पूर्व और मौजूदा सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों से निपटने के लिए गठित विशेष अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दायर एक याचिका पर 12 जून को अपना आदेश दिया।

सीबीआई ने जनार्दन रेड्डी की छह संपत्तियों और लक्ष्मी अरुणा के नाम की 118 संपत्तियों को कुर्क करने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने रेड्डी के नाम पर पांच संपत्तियों की कुर्की की अनुमति दी, क्योंकि सीबीआई द्वारा सूचीबद्ध छह संपत्तियों में से एक उनके नाम पर नहीं थी।

जहां तक लक्ष्मी अरुणा के नाम वाली संपत्तियों की बात है, तो अदालत ने पाया कि उन्होंने ‘‘अपराध की तारीख यानी 01.01.2009 से पहले कुछ संपत्तियों का अधिग्रहण किया था और उन्हें कुर्क नहीं किया जा सकता है तथा यह नहीं कहा जा सकता है कि उन संपत्तियों को कथित अपराध के तरीके से हासिल किया गया था।’’ इसके साथ ही अदालत ने लक्ष्मी अरुणा की 118 संपत्तियों में से केवल 77 को ही कुर्क करने की अनुमति दी।

संपत्तियों की कुर्की बेल्लारी अवैध लौह अयस्क खनन घोटाले में सरकारी अधिकारियों के शामिल होने के खिलाफ 2012 की शिकायत से जुड़ा है। सीबीआई द्वारा जांच के बाद दायर एक पूरक आरोप-पत्र में जनार्दन रेड्डी और अन्य के नाम शामिल थे।

कुर्की की मांग को लेकर सीबीआई ने 2022 में एक आपराधिक याचिका दायर की थी। कुर्की की अनुमति देने वाला अदालती आदेश 12 जून, 2023 को पारित किया गया था।

इस मामले में 21 आरोपी हैं। 

सूची के अनुसार, कुर्क की जाने वाली संपत्तियां 65.05 करोड़ रुपये मूल्य की हैं, जो प्रतिवादी द्वारा अपराध की आय के माध्यम से अपने नाम पर, अपनी पत्नी और अपनी कंपनियों के नाम पर अर्जित की गई हैं।