उत्तराखंड के पौड़ी में चार दिनों में बाघ के हमलों में दो लोगों की मौत, क्षेत्र में रात्रि कर्फ्यू

Rozanaspokesman

चार दिन पूर्व भी क्षेत्र के डल्ला गांव में बाघ ने एक 72 वर्षीय बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया था ।

Two killed in tiger attacks in Uttarakhand's Pauri in four days, night curfew in the area

कोटद्वार (उत्तराखंड) : उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रिखणीखाल क्षेत्र में चार दिनों के अंदर आदमखोर बाघ के हमलों में दो व्यक्तियों के मारे जाने से चिंतित जिला प्रशासन ने सोमवार को रिखणीखाल और धुमाकोट तहसील के बाघ प्रभावित क्षेत्रों में रात का कर्फ्यू लगा दिया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग से सटे नैनीडांडा ब्लाक के ग्रामसभा उम्टा के सिमली तल्ली गांव में शनिवार को बाघ ने हमला कर 75 वर्षीय रणवीर सिंह नेगी को मार दिया था। चार दिन पूर्व भी क्षेत्र के डल्ला गांव में बाघ ने एक 72 वर्षीय बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया था । ताजा घटनास्थल पहली वारदात की जगह से केवल 25 किलोमीटर दूर है ।

पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने एक आदेश में कहा कि बाघ के हमले में दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी है जिससे स्थानीय जनता में भय का माहौल व्याप्त होने तथा बाघ द्वारा पुनः हमला किये जाने की प्रबल आशंका के चलते अग्रिम आदेशों तक शाम सात बजे से प्रातः छह बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।

इसमें कहा गया है कि यह रात्रि कर्फ्यू रिखणीखाल और धुमाकोट तहसील के लगभग 25—26 बाघ प्रभावित गांवों में लगाया गया है ताकि ग्रामीण रात के समय अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और उनका जीवन खतरे में न पड़े। अधिकारी ने बाघ प्रभावित क्षेत्र में आने वाले विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में सोमवार और मंगलवार को दो दिवसीय अवकाश घोषित किया है ।

चौहान ने रिखणीखाल और धुमाकोट के तहसीलदारों को अगले आदेश तक प्रभावित क्षेत्र में ही तैनात रहने के निर्देश दिए गये हैं। ग्रामीणों के अनुरोध पर उन्होंने जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को उन्हें चारापत्ती उपलब्ध करवाने के आदेश भी दिए हैं ताकि उन्हें पशुओं के चारे का प्रबंध करने के लिए जंगल में न जाना पड़े ।