कोर्डेलिया क्रूज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले में सीबीआई के समक्ष पेश हुए समीर वानखेड़े

Rozanaspokesman

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एनसीबी ने आर्यन खान के खिलाफ सबूतों के अभाव के कारण मामले में दाखिल आरोपपत्र में उनका नाम शामिल नहीं किया।

Sameer Wankhede appears before CBI in drug seizure case from Cordelia Cruz

मुंबई: मुंबई में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े कोर्डेलिया क्रूज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम शामिल नहीं करने के एवज में उनसे कथित रूप से 25 करोड़ रुपये मांगने से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश हुए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि वानखेड़े सीबीआई के बांद्रा-कुर्ला परिसर स्थित कार्यालय में पूर्वाह्न सवा 10 बजे के आसपास पहुंचे। उन्होंने एजेंसी के कार्यालय में जाते समय मीडियाकर्मियों से केवल इतना कहा, ‘‘सत्यमेव जयते।’’ सीबीआई ने वानखेड़े को इस मामले में पूछताछ के लिए बृहस्पतिवार को समन भेजा था, लेकिन वह उस दिन एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए थे।

एनसीबी ने आर्यन खान के खिलाफ सबूतों के अभाव के कारण मामले में दाखिल आरोपपत्र में उनका नाम शामिल नहीं किया।

सीबीआई ने कथित तौर पर साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ 11 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी।

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी वानखेड़े ने बंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर जबरन वसूली और रिश्वत के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था। 

बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को निर्देश दिया था कि शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी वानखेड़े के खिलाफ गिरफ्तारी जैसी कोई कठोर कार्रवाई 22 मई तक नहीं की जाए। आर्यन को तीन अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।

हालांकि, मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास मादक पदार्थ होने और उनके द्वारा उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपियों को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगने की साजिश रची।