असम विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अधिक अपराध दर को लेकर हंगामा

Rozanaspokesman

राज्य

महिला एवं बाल विकास मंत्री अजंता नियोग ने कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।

Uproar in Assam Assembly over high crime rate against women

गुवाहाटी : असम विधानसभा में मंगलवार को महिलाओं के खिलाफ अधिक अपराध दर को लेकर हंगामा देखने को मिला और चर्चा के दौरान विपक्षी विधायक अखिल गोगोई को प्रश्नकाल तक के लिए निलंबित कर दिया गया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देकर नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया ने यह जानना चाहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए असम सरकार ने कौन से कदम उठाए हैं। 

महिला एवं बाल विकास मंत्री अजंता नियोग ने कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमने इस मुद्दे पर पहली बार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है और इसे गत 16 नवंबर को अधिसूचित किया गया था।’’

गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग और विधि विभाग के साथ मिलकर एसओपी तैयार किये जाने का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि अपराध की घटनाएं वर्ष 2022 में घटकर लगभग आधी हो गईं और एनसीआरबी के अगले आंकड़ों में यह दिखेगा। नियोग ने यह भी कहा कि महिलाओं में बढ़ती जागरुकता के कारण अपराध की घटनाएं दर्ज कराने में वृद्धि हुई है।

उन्होंने सदन को बताया कि 11 जिलों के 11 सदर पुलिस थाने में विशेष महिला प्रकोष्ठ हैं, जबकि महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए 13 जिलों में 18 फास्ट ट्रैक अदालतें गठित की गई हैं।

निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने एनसीआरबी आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में असम देश में सबसे ऊपर है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने गोगोई को भाषण देने के बजाय पूरक प्रश्न पूछने के लिए कहा।

‘रायजोर दल’ के प्रमुख गोगोई ने पूछा, ‘‘क्या असम सरकार इसी तरह चलती रहेगी या कुछ कदम भी उठाएगी।’’

गोगाई की टिप्पणी के खिलाफ सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिसके कारण सदन में हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस सदस्यों ने भी निर्दलीय विधायक के समर्थन में आवाज उठाई।  इसके बाद भी गोगोई ने महिला और बच्चों की रक्षा करने में सरकार की कथित विफलता के बारे में बोलना जारी रखा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने और दूसरों को बोलने का मौका देने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया। 

इस पर दैमारी ने आदेश दिया, ‘‘अखिल गोगोई को प्रश्नकाल तक के लिए निलंबित किया जाता है। मार्शल, कृपया उन्हें बाहर ले जाएं।’’ हालांकि, गोगोई प्रश्नकाल के बाद फिर से सदन में लौट आए।