Badlapur Case: 'अगर स्कूल सुरक्षित नहीं हैं तो शिक्षा के अधिकार का क्या फायदा?', बॉम्बे हाईकोर्ट

Rozanaspokesman

राज्य

बॉम्बे हाईकोर्ट ने खुद इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।  

Badlapur Case: 'If schools are not safe then what is the use of the right to education?', Bombay High Court said

Badlapur Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को स्कूल सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता जताई और कहा कि अगर स्कूल सुरक्षित नहीं हैं, तो शिक्षा के अधिकार पर चर्चा का महत्व खत्म हो जाता है।  बता दे कि अदालत ने यह बात बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में सुनवाई के दौरान कही.  बॉम्बे हाईकोर्ट ने खुद इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।  

न्यायमूर्ति मोहिते-डेरे ने स्कूल में नाबालिगों के कथित यौन उत्पीड़न पर चिंता जताते हुए कहा, "यहां तक ​​कि चार साल की बच्चियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। यह स्थिति बेहद चौंकाने वाली है।"  अदालत ने बदलापुर पुलिस को फटकार लगाई और पूछा कि बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को आश्वासन दिया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। 

अदालत ने राज्य सरकार से मामला एसआईटी को सौंपे जाने से पहले बदलापुर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के विवरण के संबंध में एक हलफनामा भी मांगा है।  मामले की अगली सुनवाई अब 27 अगस्त को होगी।

बता दे कि महाराष्ट्र के बदलापुर स्थित एक स्कूल में चौथी कक्षा की दो लड़कियों (3-4 साल) के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले से आक्रोश फैल गया है। पुलिस ने 17 अगस्त को स्कूल के एक अटेंडेंट को बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया।   अटेंडेंट ने स्कूल के शौचालय में बच्चियों का यौन शोषण किया था.  इस घटना से बदलापुर के लोगों में भारी आक्रोश है।