भारत को अमेरिका से बातचीत में सतर्क रहना चाहिए : पूर्व सेना प्रमुख बिक्रम सिंह

Rozanaspokesman

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उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सभी बाहरी सैन्य हस्तक्षेपों में विफल रहा है और इसका एक मुख्य कारण यह था कि वाशिंगटन अपना काम दूसरों से कराता रहा है।

India should be careful in talks with America: Former Army Chief Bikram Singh

मुंबई  :  पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने सरकार से रणनीतिक मामलों में अमेरिका के साथ व्यवहार में सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अब तक अपने करीबी सहयोगियों के प्रति अपनी विश्वसनीयता साबित नहीं कर पाया है।

उन्होंने कहा कि भारत के ‘क्वाड समूह’ का सदस्य होने के बावजूद अमेरिका के साथ आगे बढ़ते हुए सावधानी बरतनी चाहिए, जिसने हाल के वर्षों में नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों का विस्तार किया है।

‘क्वाड’, भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक चतुर्भुज सुरक्षा संवाद समूह है।

सिंह ने  गुरूवार  शाम यहां एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक सम्मेलन में कहा, “हालांकि यह अच्छा है कि हम क्वाड का हिस्सा हैं (जिसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रतिपक्ष के रूप में देखा जाता है), लेकिन यह हमारे हित में होगा कि हम अमेरिका के साथ सावधानी से आगे बढ़ें, क्योंकि वाशिंगटन कभी भी अपने रणनीतिक और रक्षा सहयोगियों का भरोसा नहीं जीत पाया है।”

24वें सेना प्रमुख रहे जनरल सिंह ने वाशिंगटन के साथ रणनीतिक व्यवहार में सतर्क दृष्टिकोण के अपने सुझाव की वजह समझाते हुए कहा, “अमेरिका पहले वियतनाम से निकला, फिर इराक से दो बार और हाल ही में अफगानिस्तान से। हमें अमेरिका से निपटने में बहुत सतर्क रहना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सभी बाहरी सैन्य हस्तक्षेपों में विफल रहा है और इसका एक मुख्य कारण यह था कि वाशिंगटन अपना काम दूसरों से कराता रहा है।