राहत शिविरों में रह रहे हिंसा पीड़ितों को 1,000 रुपये की सहायता मिलेगी : मणिपुर के मुख्यमंत्री

Rozanaspokesman

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उन्होंने कहा कि राज्य में जो कुछ हुआ, वह "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण" है।

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इंफाल:  मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि राज्य में जातीय दंगों के कारण राहत शिविरों में रह रहे लोगों को उनकी सरकार 1,000 रुपये की एकमुश्त मदद देगी। सिंह ने इंफाल ईस्ट जिले के खुमान लैंपक खेल परिसर में बनाए गए एक राहत शिविर में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सहायता इसलिए दी जाएगी, ताकि शिविरों में रह रहे लोग कपड़े और जरूरत के अन्य सामान खरीद सकें। इस राहत शिविर में 106 महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं।

पिछले महीने राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद से करीब 50,000 लोग 300 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों को 1,000 रुपये देने का फैसला किया है। यह वित्तीय सहायता संबंधित जिला अधिकारियों के जरिए दी जाएगी।"

दिन में, विस्थापित लोगों के एक तबके को यह सहायता मिली। सिंह ने इंफाल वेस्ट जिले में भी एक राहत शिविर का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की।

मुख्यमंत्री ने बाद में ट्वीट किया, “प्रभावित लोगों की सहायता करने और पीड़ितों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। विस्थापित लोगों के राहत एवं पुनर्वास के लिए किए जा रहे उपायों के तहत वित्तीय सहायता दी।”

उन्होंने कहा कि राज्य में जो कुछ हुआ, वह "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण" है। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य प्रशासन के अलावा महिला संगठनों सहित विभिन्न समूहों के प्रयासों से स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

सिंह ने कहा कि केंद्र 24 घंटे राज्य की स्थिति पर नजर रख रहा है और राज्य प्रशासन सभी लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा, "उन संवेदनशील इलाकों में करीब 40,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जहां उग्रवादियों के हमले की आशंका है।" सिंह ने कहा कि रविवार को उनकी नयी दिल्ली यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि केंद्र राज्य के पहाड़ी इलाकों में उग्रवादी गतिविधियों पर गौर करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शाह को बताया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि घाटी के इलाकों में अशांति न हो।