इंदौर में मंदिर में हुए हादसे में 36 श्रद्धालुओं की मौत, गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज

Rozanaspokesman

राज्य

क्षेत्रीय रहवासी इंदौर नगर निगम की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं।

36 devotees killed in temple accident in Indore, case of culpable homicide registered

इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर में एक पुरातन बावड़ी के ऊपर बनाए गए मंदिर की फर्श धंसने की घटना में 36 श्रद्धालुओं की मौत को लेकर इस देवस्थान के ट्रस्ट के दो पदाधिकारियों के खिलाफ शुक्रवार को गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जूनी इंदौर पुलिस थाने के प्रभारी नीरज मेड़ा ने बताया कि पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मेड़ा ने बताया कि ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बावड़ी पर छत डालकर बेहद असुरक्षित निर्माण कराया, जिससे मंदिर में हुए हादसे के कारण 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

उन्होंने कहा, “इंदौर नगर निगम ने ट्रस्ट को मंदिर परिसर का अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन ट्रस्ट ने यह आदेश नहीं माना।” थाना प्रभारी के मुताबिक, गैर-इरादतन हत्या के दोनों आरोपियों को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।

वहीं, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय निकाय के एक पत्र के जवाब में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट ने अप्रैल 2022 में उसे यह लिखकर दिया था कि वह मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा और बावड़ी के ऊपर किया गया निर्माण हटाकर इस जलस्त्रोत को खोल देगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

क्षेत्रीय रहवासी इंदौर नगर निगम की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। इनमें शामिल अवनीश जैन ने कहा, “बावड़ी पर अतिक्रमण करने वाले लोगों और अतिक्रमण की पूरी जानकारी होने के बावजूद इसे समय रहते न हटाने वाले आईएमसी अधिकारियों ने भीषण हादसे को खुला निमंत्रण दिया। इन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।” मामले के तूल पकड़ने पर आईएमसी ने अपने दो अधिकारियों पर कार्रवाई की।

शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि मंदिर में हुए भीषण हादसे के बाद उन्होंने आईएमसी के एक भवन अधिकारी (बीओ) और एक भवन निरीक्षक (बीआई) को निलंबित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

महापौर ने कहा कि नगर निगम शहर के ऐसे सभी प्राकृतिक जलस्त्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराएगा, जिन पर असुरक्षित निर्माण के कारण हादसे हो सकते हैं। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में राम नवमी पर हवन-पूजन के दौरान हुआ हादसा शहर के इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटना के रूप में दर्ज हो गया है, जिसमें 21 महिलाओं और दो बच्चों समेत 36 लोगों की मौत हुई है।