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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान नरेश से द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर की चर्चा
Published : Apr 4, 2023, 5:53 pm IST
Updated : Apr 4, 2023, 5:53 pm IST
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PM Narendra Modi discusses further deepening of bilateral relations with the King of Bhutan
PM Narendra Modi discusses further deepening of bilateral relations with the King of Bhutan

प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश ने अपने अपने राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर चर्चा की। 

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ दोनों देशों के राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर विस्तृत चर्चा की। यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत के दौरान डोकलाम का मुद्दा भी उठा, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि भारत और भूटान सुरक्षा से जुड़े विषयों पर करीबी सम्पर्क में बने हुए हैं।

क्वात्रा ने संवाददाताताओं को बताया कि भूटान नरेश की भारत यात्रा विविध क्षेत्रों में हमारे सहयोग को और व्यापक बनाने का खाका तैयार करती है।  उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश ने अपने अपने राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर चर्चा की।  थिम्पू पर प्रभाव बढ़ाने के चीन के प्रयासों को लेकर नयी दिल्ली की कुछ चिंताओं के बीच भूटान नरेश ने सोमवार को भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू की।.

डोकलाम विवाद पर भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग की हाल की कुछ टिप्पणियों को लोगों ने पड़ोसी देश के चीन के करीब जाने के रूप में देखा, हालांकि भूटान ने कहा कि सीमा विवाद पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर भूटान नरेश की अगवानी की थी। यह भूटान नरेश की इस यात्रा को नयी दिल्ली द्वारा दिए गए महत्व को दर्शाता है। जयशंकर ने सोमवार शाम को भूटान नरेश से मुलाकात की थी और कहा था कि भूटान के भविष्य और भारत के साथ अनूठी साझेदारी को मजबूत करने के लिए नरेश के दृष्टिकोण की सराहना की जाती है।

भूटान भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों पक्षों के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है।

वर्ष 2017 में डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले टकराव की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों में तेजी देखी गई है। डोकलाम पठार को भारत के सामरिक हित के लिहाज से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है।.

डोकलाम ट्राई-जंक्शन पर 2017 में गतिरोध तब शुरू हुआ था जब चीन ने उस क्षेत्र में सड़क का विस्तार करने की कोशिश की थी, जिसके बारे में भूटान ने दावा किया था कि वह उसका है।

भारत ने निर्माण का कड़ा विरोध किया था क्योंकि इससे उसके समग्र सुरक्षा हित प्रभावित होते। भारत-चीन के बीच गतिरोध कई दौर की बातचीत के बाद सुलझा। अक्टूबर 2021 में, भूटान और चीन ने अपने सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए ‘‘तीन-चरणीय कार्ययोजना’’ को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।.

भूटान चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है और दोनों देशों ने विवाद को हल करने के लिए सीमा वार्ता के 24 से अधिक दौर आयोजित किए हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार में भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि डोकलाम में सीमा विवाद को सुलझाने में चीन की भी बराबर की भूमिका है। भारत लगातार भूटान का शीर्ष व्यापारिक भागीदार रहा है और भूटान में निवेश का प्रमुख स्रोत बना हुआ है। 

Location: India, Delhi, New Delhi

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