खबरे |

खबरे |

SC ने लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन संबंधी याचिका को ‘‘मूर्खतापूर्ण विचार’’ बताकर किया खारिज
Published : Mar 20, 2023, 2:11 pm IST
Updated : Mar 20, 2023, 2:11 pm IST
SHARE ARTICLE
SC dismisses plea for registration of 'live-in' relationships as
SC dismisses plea for registration of 'live-in' relationships as "foolish idea"

विवाह की तरह ही लिव इन रिलेशन में रह रहे जोड़ों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की गुहार लगाई गई थी.

 New Delhi: लिव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) के दौरान होने वाली हत्या की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसे उच्चतम न्यायालय ने  ‘‘मूर्खतापूर्ण विचार’’ करार देते हुए सोमवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता ममता रानी के वकील से पूछा कि क्या वह इन लोगों की सुरक्षा बढ़ाना चाहती है या वह चाहती है कि वे ‘लिव-इन’ संबंधों में न रहें। 

इसके जवाब में वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ‘लिव इन’ में रहने वाले लोगों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए इन संबंधों का पंजीकरण चाहती है। पीठ ने कहा, ‘‘ ‘लिव इन’ संबंधों के पंजीकरण का केंद्र से क्या लेना देना है? यह कैसा मूर्खतापूर्ण विचार है? अब समय आ गया है कि न्यायालय इस प्रकार की जनहित याचिकाएं दायर करने वालों पर जुर्माना लगाना शुरू करे। इसे खारिज किया जाता है।’’

रानी ने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र को ‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण के लिए नियम बनाने का निर्देश देने का आग्रह किया था। याचिका में ऐसे संबंधों में बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों में वृद्धि का उल्लेख किया गया था। याचिका में श्रद्धा वाल्कर की कथित तौर पर उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला द्वारा हत्या किए जाने का हवाला देते हुए इस तरह के रिश्तों के पंजीकरण के लिए नियम और दिशानिर्देश बनाने का आग्रह किया गया था।

जनहित याचिका में कहा गया था कि ‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण से ऐसे संबंधों में रहने वालों को एक-दूसरे के बारे में और सरकार को भी उनकी वैवाहिक स्थिति, उनके आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध होगी।

बता दें कि वकील ममता रानी द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों में वृद्धि के अलावा, ‘‘महिलाओं द्वारा दायर किए जा रहे बलात्कार के झूठे मामलों में भारी वृद्धि हुई है, जिनमें महिलाएं आरोपी के साथ लिव-इन संबंध में रहने का दावा करती हैं और ऐसे में अदालतों के लिए सच्चाई का पता लगाना मुश्किल होता है।’’

 

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

हम डांसर है कॉल गर्ल नहीं हमारी भी इज्जत है

02 Apr 2024 5:04 PM

#Vicky की मां का #Attitude लोगों को नहीं आया पसंद! बोले- हमारी अंकिता तुम्हारे बेटे से कम नहीं

17 Jan 2024 11:07 AM

चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने का एक और कमाल, अब इस मिशन में हासिल की सफलता

11 Aug 2023 7:01 PM

अरे नीचे बैठो...प्रधानमंत्री पर उंगली उठाई तो औकात दिखा दूंगा', उद्धव गुट पर भड़के केंद्रीय मंत्री

11 Aug 2023 6:59 PM

शिमला में नहीं थम रहा बारिश का कहर, देखिए कैसे आंखों के सामने ढह गया आशियाना

11 Aug 2023 6:57 PM