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हिमाचल में करीब 6,000 सरकारी स्कूल में 20 से कम छात्र,12 स्कूल में शिक्षक नहीं: रिपोर्ट
Published : Nov 30, 2022, 1:34 pm IST
Updated : Nov 30, 2022, 1:34 pm IST
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Nearly 6,000 government schools in Himachal have less than 20 students, 12 have no teachers: Report
Nearly 6,000 government schools in Himachal have less than 20 students, 12 have no teachers: Report

राज्य में 15,313 सरकारी स्कूल हैं। 51 माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक,416 विद्यालयों में दो शिक्षक, 773 विद्यालयों में तीन शिक्षक और 701 विद्यालयों...

शिमला :  हिमाचल प्रदेश के 5,113 प्राथमिक और 993 माध्यमिक विद्यालयों सहित कुल 6,106 सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या 20 से भी कम है और 12 प्राथमिक विद्यालय में कोई शिक्षक ही नहीं है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

‘एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली’ की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि 4,478 प्राथमिक एवं 895 माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या 21 से 60 के बीच और 681 प्राथमिक एवं 47 माध्यमिक विद्यालयों में यह 61 से 100 के बीच है।

राज्य में 18,028 स्कूल हैं, जिनमें से 15,313 सरकारी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विद्यालयों में 65,973 शिक्षक हैं, जिनमें 39,906 पुरुष और 26,257 महिलाएं हैं। इसमें बताया गया है कि 12 प्राथमिक सरकारी विद्यालयों में कोई शिक्षक ही नहीं है, जबकि 2,969 में एक शिक्षक, 5,533 में दो शिक्षक और 1,779 में तीन शिक्षक हैं।

इसी प्रकार, 51 माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक, 416 विद्यालयों में दो शिक्षक, 773 विद्यालयों में तीन शिक्षक और 701 विद्यालयों में चार से छह शिक्षक हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसी तरह उच्च माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के कई विद्यालय भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं।

इसमें बताया गया है कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में कुल 63,690 कमरे हैं, लेकिन सात प्राथमिक विद्यालयों में एक भी कमरा नहीं है, 338 विद्यालयों में एक कमरा, 2,495 विद्यालयों में दो कमरे, 4,111 विद्यालयों में तीन कमरे और 3,402 विद्यालयों में सात से 10 कमरे हैं। माध्यमिक स्तर के तीन विद्यालयों में कोई कमरा नहीं है, 216 विद्यालयों में केवल एक कमरा है, 241 विद्यालयों में दो कमरे, 1,111 विद्यालयों में तीन कमरे और 352 विद्यालयों में चार से छह कमरे हैं।

उच्च माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भी स्थिति बेहतर नहीं है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए स्कूल खोले गए हैं। अधिनियम के अनुसार, स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए डेढ़ किलोमीटर के दायरे में एक प्राथमिक विद्यालय होना चाहिए लेकिन पहाड़ी राज्य में दुर्गम स्थानों के कारण छात्रों की संख्या कम है।.

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ROZANASPOKESMAN

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