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चीन को अधिकार हनन, भारत व ताइवान के प्रति आक्रामकता के लिए जवाबदेह ठहराया जाए : अमेरिकी सांसद
Published : Feb 2, 2023, 3:06 pm IST
Updated : Feb 2, 2023, 3:06 pm IST
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China should be held accountable for rights abuses, aggression towards India and Taiwan: US lawmaker
China should be held accountable for rights abuses, aggression towards India and Taiwan: US lawmaker

बाइडन प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अनुसार, चीन “अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को फिर से आकार देने के इरादे से एकमात्र प्रतियोगी है और ...

वाशिंगटन ; कई प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसदों ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से आग्रह किया है कि चीन को हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ ही भारत व ताइवान के खिलाफ अस्वीकार्य व भड़काऊ व्यवहार के लिये जवाबदेह ठहराया जाए। अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री और वित्त मंत्री जेनेट येलेन को उनके बीजिंग दौरे से पहले लिखे एक पत्र में उनसे चीन को घोर मानवाधिकार उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं तथा अमेरिका और उसके सहयोगियों के प्रति आक्रामकता के लिए भी जिम्मेदार ठहराने की मांग की।.

ब्लिंकन रविवार को चीन रवाना होंगे जबकि येलेन के इसी महीने बाद में वहां का दौरा करने की उम्मीद है।

फ्लोरिडा से रिपब्लिकन सांसद मार्को रुबियो ने बुधवार को लिखे पत्र में कहा, “सीसीपी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उसके इतर भी अपनी आक्रामकता बढ़ा दी है।”

उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे सत्तारूढ़ सीसीपी को प्रचार हथकंडों में बढ़त हासिल करने देने से बचें और सीसीपी को उसके घोर मानवाधिकारों के हनन, अनुचित व्यापार प्रथाओं, फेंटेनाइल (एक दर्दनिवारक दवा) संकट में अग्रणी भूमिका और हिंद-प्रशांत में सहयोगियों और भागीदारों के प्रति आक्रामकता के लिए जवाबदेह ठहराएं।

रुबियो के अलावा इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में सीनेटर चुक ग्रैस्ली, बिल कास्सिडी, एरिक श्मिट, डेन सुलिवन, केविन कार्मर, टेड बड, रिक स्कॉट, मार्शा ब्लैकबर्न, लिंडसे ग्राहम, शैली मूर कैपिटो, पीट रिकेट्स, जॉन होवन और बिल हेगर्जी शामिल हैं।

बाइडन प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अनुसार, चीन “अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को फिर से आकार देने के इरादे से एकमात्र प्रतियोगी है और ऐसा करने के लिए आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और तकनीकी शक्ति तेजी से बढ़ा रहा है।” पत्र में कहा गया, “जैसा कि हमने हाल ही में देखा है, महासचिव शी ने ताइवान जलडमरूमध्य और भारत के साथ हिमालय की सीमा पर अस्वीकार्य और उत्तेजक व्यवहार किया है।” पत्र में सीनेटरों ने कहा कि सीसीपी मानवाधिकारों का घोर उल्लंघनकर्ता है।

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ROZANASPOKESMAN

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