खबरे |

खबरे |

पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम विवाह पॉक्सो कानून के दायरे से बाहर नहीं : केरल उच्च न्यायालय
Published : Nov 21, 2022, 5:19 pm IST
Updated : Nov 21, 2022, 5:19 pm IST
SHARE ARTICLE
Muslim marriage under personal law not outside purview of POCSO law: Kerala HC
Muslim marriage under personal law not outside purview of POCSO law: Kerala HC

केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम विवाह को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून से बाहर नहीं रखा गया है.

कोच्चि:   केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम विवाह को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून से बाहर नहीं रखा गया है और शादी की आड़ में बच्चे से शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। अदालत ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की का कथित रूप से अपहरण और गर्भवती करने के आरोप में 31 वर्षीय व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसका दावा है कि उसने शादी कर ली थी।

न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने जमानत याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है और पॉक्सो कानून शादी की आड़ में बच्चे से शारीरिक संबंधों पर रोक लगाने के लिए है।

न्यायमूर्ति थॉमस ने 18 नवंबर को जारी आदेश में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पर्सनल लॉ के तहत मुसलमानों के बीच शादी पॉक्सो कानून के दायरे से बाहर नहीं है। यदि विवाह के पक्षों में से एक नाबालिग है, तो विवाह की वैधता या अन्य तथ्यों पर ध्यान दिए बिना, पॉक्सो कानून के तहत अपराध लागू होंगे।’’

उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल के निवासी खालिदुर रहमान द्वारा दायर एक जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दावा किया कि लड़की उसकी पत्नी है, जिससे उसने 14 मार्च, 2021 को मुस्लिम लॉ के अनुसार शादी की थी। रहमान ने दावा किया कि पॉक्सो कानून के तहत उस पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि मुस्लिम लॉ 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के विवाह की अनुमति देता है।

यह मामला तब सामने आया, जब पथनमथिट्टा जिले के कवियूर में एक परिवार स्वास्थ्य केंद्र ने पुलिस को सूचित किया, जब पीड़िता अपनी गर्भावस्था के वास्ते इंजेक्शन के लिए वहां गई थी। आधार कार्ड से पीड़िता की उम्र 16 साल होने का पता चलने पर चिकित्सा अधिकारी ने 31 अगस्त 2022 को पुलिस को सूचित किया।

अदालत ने कहा, ‘‘बच्चे के खिलाफ हर तरह के यौन शोषण को अपराध माना जाता है। विवाह को कानून के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है।’’ अदालत ने कहा कि सामाजिक सोच में बदलाव और प्रगति के परिणामस्वरूप पॉक्सो कानून बनाया गया है।

अदालत ने कहा, ‘‘बाल विवाह बच्चे के विकास की पूरी संभावना के साथ समझौता करता है। यह समाज का अभिशाप है। पॉक्सो कानून के माध्यम से परिलक्षित विधायी मंशा किसी बच्चे से, यहां तक कि शादी की आड़ में भी शारीरिक संबंधों को प्रतिबंधित करना है। यह समाज की सोच भी दर्शाता है।’’

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, लड़की को उसके माता-पिता की जानकारी के बिना पश्चिम बंगाल से केरल लाया गया था

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

ਕੀ ਹੈ HPV ਵਾਇਰਸ ਅਤੇ ਕਿਹੜੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਦਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖ਼ਤਰਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ?

31 Aug 2024 4:48 PM

\'ਦਸਤਾਰ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਅਧੂਰਾ ਹਾਂ\', ਦੇਖੋ Yograj ਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ \'ਚ ਕਿਹੜਾ ਕੀਤਾ ਸੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਗੁਨਾਹ

31 Aug 2024 4:46 PM

\'ਦਸਤਾਰ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਅਧੂਰਾ ਹਾਂ\', ਦੇਖੋ Yograj ਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ \'ਚ ਕਿਹੜਾ ਕੀਤਾ ਸੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਗੁਨਾਹ

31 Aug 2024 4:44 PM

ਦੇਖੋ Dhanveer ਅੱਜ ਵੀ ਜਦੋ Lucky ਅਤੇ Navdeep ਨੂੰ ਦੇਖਦੇ ਨੇ ਤਾਂ ਕਿਹੜੀ ਪੁਰਾਣੀ Memory ਅਉਂਦੀ ਹੈ ਯਾਦ

31 Aug 2024 4:41 PM

ਬੱਚੇ ਹੁੰਦੇ ਨੇ ਰੱਬ ਦਾ ਰੂਪ, Ajay Singh ਦੀ Interview ਦੇਖ ਤੁਸੀਂ ਵੀ ਕਰੋਗੇ ਮਹਿਸੂਸ, ਸੁਣੋ Dev Kharoud ਨਾਲ

30 Aug 2024 7:23 PM

MOOSEWALA\'S NEW SONG \'ATTACH\' RELEASED - Steel Banglez ft Fredo | ਟੁੱਟਣ ਵਾਲੇ ਨੇ RECORD

30 Aug 2024 6:56 PM