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मणिपुर में आवश्यक वस्तुओं का प्रवाह सुनिश्चित करेंगे: शाह ने नागरिक समाज समूह को दिया आश्वासन
Published : Aug 27, 2023, 11:54 am IST
Updated : Aug 27, 2023, 11:54 am IST
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Will ensure flow of essential goods to Manipur: Shah assures civil society group
Will ensure flow of essential goods to Manipur: Shah assures civil society group

कोकोमी ने कहा कि मणिपुर में अलग प्रशासन के लिए कोई अनुमति नहीं होगी।

New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के एक प्रभावशाली नागरिक समाज समूह को आश्वासन दिया है कि आवश्यक वस्तुओं का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए इंफाल घाटी को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर उचित सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

शाह ने मणिपुर समन्वय समिति (कोकोमी) के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि राज्य में सभी प्रकार की घुसपैठ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा। प्रभावशाली मेइती नागरिक समाज समूह कोकोमी के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को यहां गृह मंत्री के अलावा गुप्तचर ब्यूरो के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की और राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर लंबी चर्चा की।

कोकोमी ने कहा कि मणिपुर में अलग प्रशासन के लिए कोई अनुमति नहीं होगी। इस संबंध में जारी बयान में कहा गया, "केंद्रीय गृह मंत्री ने मणिपुर के क्षेत्र में सभी प्रकार की घुसपैठ के खिलाफ सख्त रुख पर जोर दिया। रेटिना स्कैन सहित बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके प्रवासियों को पंजीकृत करने के उपाय लागू किए जा रहे हैं। मणिपुर के क्षेत्र में सभी प्रकार की घुसपैठ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" इसमें कहा गया कि बड़े पैमाने पर घुसपैठ की चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार मणिपुर सेक्टर में सीमा पर बाड़ लगाने में तेजी ला रही है।

बयान के अनुसार, कोकोमी ने दृढ़ता से कहा कि मणिपुर में अलग प्रशासन के लिए कोई अनुमति नहीं होगी और गृह मंत्री ने राज्य में शांति की अपील की तथा कोकोमी से लोगों को यह संदेश देने का अनुरोध किया।

इसमें कहा गया, "राज्य में वस्तुओं की आवाजाही और वितरण सुनिश्चित करना संभवतः दोनों पक्षों के समर्थन से संभव हो सकता है। और राजमार्गों को सुरक्षित करने के लिए काफिले की आवश्यक तैनाती कुछ दिनों में सुनिश्चित की जाएगी।"

गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और सुरक्षा सलाहकार (पूर्वोत्तर) ए के मिश्रा के साथ बैठक में कोकोमी ने मणिपुर को प्रभावित करने वाले मुद्दों की जटिलताओं को प्रस्तुत किया, जिनमें अवैध प्रवासन, सीमा पार से मादक पदार्थ-आतंकवाद, वन संसाधनों का अवैध दोहन आदि शामिल है।

मणिपुर में तीन मई को तब जातीय हिंसा भड़क उठी थी, जब मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था। राज्य में तब से जातीय संघर्ष में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

Location: India, Delhi, New Delhi

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ROZANASPOKESMAN

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