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सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व पार्षद की जमानत याचिका पर न्यायालय ने CBI से मांगा जवाब
Published : Jan 3, 2023, 5:04 pm IST
Updated : Jan 3, 2023, 5:04 pm IST
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Court seeks response from CBI on bail plea of ​​ex-councilor in anti-Sikh riots case
Court seeks response from CBI on bail plea of ​​ex-councilor in anti-Sikh riots case

पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाए। चार सप्ताह बाद मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा।’’ अदालत ने इस बीच सीबीआई को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

New Delhi : उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर की जमानत याचिका पर मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा।  खोखर ने जेल में लगभग नौ साल जेल में गुजारने समेत विभिन्न आधार पर जमानत का अनुरोध किया है। खोखर के अलावा, कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार और पूर्व विधायक महेंद्र यादव इसी मामले में क्रमशः आजीवन कारावास और 10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने इस दलील पर गौर किया कि खोखर 50 प्रतिशत दिव्यांग होने के अलावा मामले में अब तक आठ साल और 10 महीने की जेल की सजा काट चुका है। पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाए। चार सप्ताह बाद मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा।’’ अदालत ने इस बीच सीबीआई को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

इससे पूर्व, मई 2020 में शीर्ष अदालत ने कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत या पैरोल देने से इनकार कर दिया था। सज्जन कुमार और बलवान खोखर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 17 दिसंबर, 2018 को मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद तिहाड़ जेल में बंद हैं।

खोखर की उम्रकैद की सजा को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2018 में बरकरार रखा था, जबकि उसने कुमार को 2013 में निचली अदालत द्वारा दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में पालम कॉलोनी में 1-2 नवंबर, 1984 को राज नगर पार्ट-1 में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाने से संबंधित मामले में बरी करने के फैसले को पलट दिया था।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्टूबर, 1984 को हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व विधायक महेंद्र यादव तथा किशन खोखर की दोषसिद्धि और अलग-अलग सजाओं को भी बरकरार रखा था।

अदालत ने उन्हें दंगों के दौरान इलाके में सिख परिवारों के घरों और एक गुरुद्वारे को जलाने की आपराधिक साजिश का भी दोषी ठहराया था। निचली अदालत ने 2013 में बलवान खोखर, भागमल और लाल को आजीवन कारावास और यादव और किशन खोखर को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी।

Location: India, Delhi, New Delhi

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ROZANASPOKESMAN

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