खबरे |

खबरे |

स्मृति ईरानी ने डब्ल्यूईएफ के लैंगिक अंतराल आकलन पर उठाया सवाल
Published : Dec 20, 2022, 6:56 pm IST
Updated : Dec 20, 2022, 6:56 pm IST
SHARE ARTICLE
Smriti Irani questions WEF's gender gap assessment
Smriti Irani questions WEF's gender gap assessment

ईरानी ने कहा कि सूचकांक जमीनी स्तर पर महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन को ध्यान में रखने में विफल रहा।

गांधीनगर :  केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ‘वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक’ आकलन पर सवाल उठाया, जिसमें लैंगिक समानता के मामले में भारत को 135वें स्थान पर रखा गया है। ईरानी ने कहा कि सूचकांक जमीनी स्तर पर महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन को ध्यान में रखने में विफल रहा। केंद्रीय मंत्री ने गुजरात के गांधीनगर जिले के लवाड में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान दर्शकों के साथ ‘वीडियो लिंक’ के जरिए बातचीत की।

उनसे महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता से जुड़े सवाल पूछे गए। ईरानी ने कहा, ‘‘जिस तरह भारत ने वैश्विक भूख सूचकांक को चुनौती दी थी, वक्त आ गया है कि वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक को भी चुनौती दी जाए। यह आकलन पश्चिमी मानकों के जरिए किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक सशक्तिकरण का आकलन करने की बात आती है, तब सूचकांक उन महिलाओं को ध्यान में नहीं रखता, जो पंचायतों और नगर निकायों में जिला पंचायत अध्यक्षों, सरपंचों, महापौरों और पार्षदों के रूप में सेवा करती हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर हम उन महिलाओं को ध्यान में रखें, जो हमारे देश की सभी राजनीतिक व्यवस्थाओं में काम कर रही हैं, तो हमारी संख्या बढ़ जाएगी। उनके देशों में जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है, इसलिए वे पश्चिमी मानकों के माध्यम से हमारा आकलन करना चाहेंगे।’’

जुलाई 2022 में जारी डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में आर्थिक भागीदारी और अवसर के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन पर पिछले साल से पांच स्थानों के सुधार के बावजूद भारत लैंगिक समानता के मामले में काफी नीचे 135वें स्थान पर था।

जिनेवा स्थित डब्ल्यूईएफ की वार्षिक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2022 के अनुसार, आइसलैंड ने दुनिया के सबसे लैंगिक-समानता वाले देश के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है, जिसके बाद फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन का स्थान है।

ईरानी ने कहा कि महिलाएं जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अर्द्धसैनिक बलों के रूप में प्रशासनिक तंत्र सहित विभिन्न क्षमताओं में देश की सेवा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों महिलाएं आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य) कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सेविकाओं के रूप में काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारे राजनीतिक दखल की गिनती नहीं करते हैं, वे हमारे प्रशासनिक कार्यालयों पर विचार नहीं करते हैं। जिस क्षण हम भारत में जमीनी स्तर पर राजनीतिक कार्यालयों में महिलाओं की गिनती शुरू करेंगे, जिस क्षण हम भारत में प्रशासनिक कार्यालयों में महिलाओं की गिनती शुरू करेंगे, भारत की रैंक बढ़कर शीर्ष 20 में पहुंच जाएगी।’’

ईरानी ने कहा कि सूचकांक में उन महिलाओं को भी शामिल नहीं किया गया, जिन्हें ‘मुद्रा’ योजना और ‘स्टैंड अप इंडिया’ जैसी केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम 22 करोड़ महिलाओं को सशक्त नहीं मानते हैं जो हर दिन आर्थिक रूप से लेन-देन करती हैं, अगर हम प्रशासनिक कार्यालयों में 1.90 करोड़ महिलाओं की गिनती नहीं करते हैं, अगर हम देश भर में पंचायतों में कार्यरत 20 लाख से अधिक महिलाओं की गिनती नहीं करते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या सूचकांक अपने आकलन में निष्पक्ष है?’’

ईरानी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने 9,000 करोड़ रुपये तक के निर्भया कोष का इस्तेमाल कर महिलाओं को सुरक्षित करने का काम किया है।

Location: India, Gujarat, Gandhinagar

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

हम डांसर है कॉल गर्ल नहीं हमारी भी इज्जत है

02 Apr 2024 5:04 PM

#Vicky की मां का #Attitude लोगों को नहीं आया पसंद! बोले- हमारी अंकिता तुम्हारे बेटे से कम नहीं

17 Jan 2024 11:07 AM

चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने का एक और कमाल, अब इस मिशन में हासिल की सफलता

11 Aug 2023 7:01 PM

अरे नीचे बैठो...प्रधानमंत्री पर उंगली उठाई तो औकात दिखा दूंगा', उद्धव गुट पर भड़के केंद्रीय मंत्री

11 Aug 2023 6:59 PM

शिमला में नहीं थम रहा बारिश का कहर, देखिए कैसे आंखों के सामने ढह गया आशियाना

11 Aug 2023 6:57 PM