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Haryana News: ब्रेन डेड महिला ने दी 3 लोगों को जिंदगी; ग्रीन कॉरिडोर के जरिए दिल्ली पहुंचे ऑर्गन
Published : Feb 7, 2024, 11:36 am IST
Updated : Feb 7, 2024, 11:36 am IST
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 Haryana Rohtak PGIMS Brain Dead Woman Organ Transplant  News In Hindi
Haryana Rohtak PGIMS Brain Dead Woman Organ Transplant News In Hindi

महिला के परिवार ने यह फैसला स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन और मोहन फाउंडेशन की काउंसलिंग के बाद लिया।

Haryana News: हरियाणा में एक ब्रेन डेड महिला के परिवार के सदस्यों ने उसके अंगों को हरियाणा के रोहतक में स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (PGIMS) को दान कर दिया। महिला की किडनी, लीवर, दिल और आंखों ने 3 लोगों को नई जिंदगी और 2 लोगों को रोशनी दी है। महिला के परिवार ने यह फैसला स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन और मोहन फाउंडेशन की काउंसलिंग के बाद लिया।

PGIMS की वाइस चांसलर (VC) डॉ. अनिता सक्सैना ने बताया कि यह प्रदेश में पहला अंगदान और संस्थान में पहला किडनी ट्रांसप्लांट है। 43 वर्षीय महिला को ब्रेन हेमरेज के कारण 30 जनवरी 2024 को PGIMS में भर्ती कराया गया था। उनका इलाज न्यूरोसर्जरी विभाग के डाॅ. ईश्वर सिंह एवं डाॅ. गोपाल की देखरेख में किया जा रहा था। इलाज के दौरान डॉ. ईश्वर सिंह को पता चला कि महिला का ब्रेन डेड हो चुका है। ऐसे में उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र समिति को इसकी जानकारी दी.

इसके बाद PGIMS  के निदेशक डॉ.एसएस लोचब और चिकित्सा अधीक्षक डॉ.कुदन मित्तल ने एक कमेटी गठित कर महिला की क्लीनिकल जांच समेत सभी मेडिकल जांच के आदेश दिए। समिति ने पाया कि महिला का मस्तिष्क मृत हो चुका था। इसके बाद  स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन  की ओर से नोडल अधिकारी डाॅ. सुखबीर सिंह, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर दीप्ति, मोहन फाउंडेशन की प्रोजेक्ट लीडर रेनू कुमारी और आईईसी कंसल्टेंट राजेश कुमार ने महिला के परिवार से संपर्क किया और अंगदान के बारे में जानकारी दी। महिला की बेटी ने अपनी मां की यादों को जिंदा रखने का फैसला किया।

बेटी ने महिला की किडनी, लीवर, हृदय और आंखें दान करने की बात कही। इसके बाद हरियाणा समेत अन्य राज्यों में अलर्ट भेजा गया. इसके बाद चंडीगढ़ पीजीआई, आरआर हॉस्पिटल नई दिल्ली, आईएलबीएस नई दिल्ली की टीमें अंगों को लेने के लिए रोहतक पीजीआईएमएस पहुची। पी.जी.आई.एम.एस. निदेशक ने बताया कि शरीर से अंग निकालने के बाद कुछ घंटे का समय लगता है. इस बीच, अंग को दूसरे शरीर में प्रत्यारोपित करना पड़ता है। अगर शरीर में किसी अंग का समय पर उपयोग न किया जाए तो वह क्षतिग्रस्त हो जाता है।

उनकी टीम ने जिला प्रशासन और पुलिस से संपर्क किया. इस पर प्रशासन ने बिना किसी देरी के तुरंत प्रभाव से रोहतक से दिल्ली और रोहतक से चंडीगढ़ तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर लिया. कभी-कभी तो रोहतक पी.जी.आई. दिल्ली पहुंचने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है, लेकिन रोहतक पुलिस की मदद से एंबुलेंस डेढ़ घंटे से भी कम समय में दिल्ली पहुंच गई। PGIMS  वीसी डाॅ. अनिता सक्सैना ने कहा कि प्रदेश में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है। अंगदान कर महिला के परिवार ने पूरे प्रदेश में एक नई मिसाल कायम की है.

  (For more news apart from  Haryana Rohtak PGIMS Brain Dead Woman Organ Transplant  News In Hindi, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)

Location: India, Haryana, Rohtak

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