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महिला का नाम सलीमा खान है और ये UP के बुलंदशहर की रहने वाली है.
positive story: कहते है कि जब दिल में कुछ सिखने की चाह हो तो इंसान की उम्र उसमें बाधा नही बनती। और इस बात को 92 साल की एक बुजुर्ग महिला ने सच साबित कर दिया है. महिला ने उम्र के इस पड़ाव पर आकर पढ़ना लिखना सिखा और समाज के लिए एक मिसाल बन गई हैं। वो जिस कक्षा में पढ़ती है उसमें उसके पोते-पोतियों की उम्र के बच्चे पढ़ते है.
बता दें कि महिला का नाम सलीमा खान है और ये UP के बुलंदशहर की रहने वाली है. सलीमा ने 6 महीने पहले शिक्षा प्राप्त करने की शुरुआत की और अब वो पढ़ने-लिखने में सक्षम हैं. वह अपना नाम लिखना भी सीख गईं हैं और वह सौ तक गिनती भी कर लेती है.
पहले वो पैसे गिनने में भी सक्षम नहीं थी. इसलिए घर के लोग उसे पैसे देने में भी हिचकते थे. महिला की शादी 14 साल के उम्र में ही हे गई थी जुस वजह से पढ़ाई से वंचित रह गई थी. महिला का कहना है कि उन्हें पढ़ना लिखना अच्छा लगता है. 92 साल की उम्र में पढ़ाई करने की चाह ने उन्हें लोगो के लिए प्रेरणादायक बना दिया है. अब गांव की कई महिलाएं भी स्कूल जाने लगी है.