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Children Mental Health: बच्चों की मेंटल स्ट्रेंथ पर ध्यान देने की है खास ज़रुरत, इन बातों का रखें ख्याल
Published : Feb 12, 2024, 6:15 pm IST
Updated : Feb 12, 2024, 6:15 pm IST
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Make your children's mental strength strong like this
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अपने बच्चे को सिखाएं कि गलतियां सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा हैं ताकि उन्हें कुछ गलत होने पर शर्मिंदगी महसूस न हो।

Children Mental Health: मानसिक रूप से मजबूत होने का मतलब यह नहीं है कि जब आपको चोट लगे तो आप कठोर व्यवहार करें और अपने आंसू छुपा लें । यह चुनौतियों से निपटने और असफलता से उभरने के बारे में होता है। बचपन ही वह उम्र होती है जिसमें एक इंसान के विचार बनते है. वह सकारात्मक और नकारात्मक दोनो हो सकते है, यही विचार उसके लिए जीवन आसान और मुश्किल बना सकते  है। माना जाता है कि इंसान के खुद के थॉट्स ही उसके सबसे बड़े दोस्त और दुश्मन हो सकते है। इस मुश्किल का समाधान केवल और केवल उनकी स्ट्रॉन्ग मेंटल स्ट्रेंथ से हो सकती है जो उनका साथ जिंदगी के हर पहलू में देगी।

मेंटल स्ट्रेंथ 

मानसिक रूप से मजबूत करने की जानकारी से पहले आइए जानते है कि वास्तव मे मेंटल स्ट्रेंथ क्या है।आपको तीन चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है: जिस तरह से आप सोचते हैं, महसूस करते हैं और कार्य करते हैं। बड़ा सोचना, अच्छा महसूस करना और बहादुरी से काम करना हमारी मानसिक मांसपेशियों को विकसित करने में मदद करता है। जो बच्चे मानसिक रूप से निपटने, असफलता से उबरने और जीवन की चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होते है उन्हें मेंटली स्ट्रांग कहा जाता है।

आईए जानते है कि कैसे बनाए अपने बच्चों की मेंटल स्टेंथ स्ट्रोंग

1.अपने बच्चे को सिखाएं कि डर का सामना कैसे करें

यदि आपका बच्चा किसी भी डरावनी चीज़ से बचता है, तो वह कभी भी वह आत्मविश्वास हासिल नहीं कर पाएगा जो उसे असहज महसूस करने से निपटने के लिए चाहिए। चाहे आपका बच्चा अंधेरे से डरता हो, या वह नए लोगों से मिलने से डरता हो, एक समय में एक छोटा कदम उठाकर अपने बच्चे को उनके डर का सामना करने में मदद करें।

2.अपने बच्चे को गलतियां करने दें

अपने बच्चे को सिखाएं कि गलतियां सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा हैं ताकि उन्हें कुछ गलत होने पर शर्मिंदगी महसूस न हो। उन्हें सिखाएं की गलतियों को सकारात्मक अनुभव के रूप में देखने से असफलता का डर कम हो सकता है और आपका आत्मविश्वास बढ सकता है।

3.चरित्र निर्माण

अपने बच्चे में अपने मूल्यों को स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत करें। अपने बच्चो के रोल मॉडल आप ही होते है वो अपने प्रिंसिपल्स आपको देख कर ही निर्धारित करते  है । उदाहरण के लिए, हर कीमत पर जीतने के बजाय ईमानदारी और करुणा के महत्व पर जोर दें , उन्हें सिखाए की एक इंसान को हमेशा अपने मूल्यों पर खड़े होना चाहिए।

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